सोनापुर 17 जुलाई, संवाद 365 : मेघालय के उम्त्रू से आरंभ होकर असम में डिगारू नदी के नाम से बहने वाली नदी में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर डिगारू के लोग बेहद चिंतित हैं। ज्ञात हो कि मेघालय में नदी का नाम उम्त्रू है जबकि असम में इसका नाम डिगारू है। इस नदी का पानी इन दिनों काफी प्रदूषित हो गया है। नदी का पानी विषाक्त होने की वजह से काफी संख्या में मछलियों के मारे जाने की घटना आए दिन देखने को मिल रही है। इस संबंध में मंगलवार को राजधानी गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर थानांतर्गत सोनापुर में एक बैठक आयोजन किया गया। जिसमें नदी में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर स्थानीय लोगों ने गंभीर चिंता जताई। चर्चा के दौरान अजीत खाकलारी ने कहा कि मेघालय के उम्त्रू से लेकर सोनापुर तक जितने भी कल कारखाने नदी के किनारे हैं, उनका दूषित पानी नदी में छोड़ा जाता है, जिसके चलते नदी का पानी विषैला हो गया है। वहीं कुशल बोड़ो ने कहा कि सबसे ज्यादा नदी का पानी प्रदूषित राजा बागान स्थित एक बीयर का फैक्ट्री के कारण हो रहाहै। फैक्ट्री का गंदा पानी सीधे नदी में छोड़े जाने से पानी बेहद विषाक्त हो गया है, जिसके चलते मछलियां मर रही हैं। उन्होंने कहा कि इस इलाके के लोग मछली मार कर अपनी जीविका चलाते थे। लेकिन नदी में मछलियों के मरने से उनकी जीविका पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। मछली पर आश्रित ऐसे लोगों का जीवन संकट में घिर गया है। चर्चा में भाग लेते हुए प्रताप बोड़ो ने कहा कि एक समय ऐसा था कि इस नदी का पानी लोग पीने वह नहाने के काम में उपयोग करते थे। लेकिन, आज के दिन यह पानी इतना विषैला हो गया कि इसको पीने के बाद विभिन्न तरह की बीमारियां होने का खतरा उत्पन्न हो गया है। जानवर तक अब इस नदी का पानी नहीं पीते हैं। नदी के किनारे रह रहे लोगों को नहाने व कपड़ा धोने आदि की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सभा में मौजूद दिवाकर हाजरिका ने कहा कि अगर आने वाले दिनों में स्थिति ऐसी रही तो हम मेघालय के कुछ संगठनों से बात कर इसके खिलाफ ठोस कदम उठाएंगे, हो सके तो हम न्यायालय का दरवाजा भी खटखटायेंगे।