मोरीगांव, 28 मई (संवाद 365)। एक ओर महामारी बाढ़ के कारण हजारों एकड़ मे लगाए गए धान और मकई का फैसल हुआ बर्बाद संक्रमण दूसरी ओर बरसात के बाद आई बाढ़ की वजह से किसानों की कमर टूट गयी है। लॉक डाउन के वजह से किसानों द्वारा उपजायी गयी सब्जी बाजार में नहीं बिकने की वजह से किसानों का कमर पहले से ही टूट गयी है। इसी बीच बरसात के बाद आई बाढ़ की वजह से किसानों के फसल का काफी नुकसान हुआ है।

मोरीगांव जिले के मायोंग इलाके में नदी का पानी गांव में घुस आने की वजह से हजारों एकड़ में लगा किसानों का धान, मकई आदि की खेती पूरी तरह नष्ट हो गयी है। पके हुए दानों को किसान कमर भर पानी में घुसकर काटने को मजबूर हैं। किसाने द्वारा बोए गए फसल बाढ़ के पानी की वजह से बर्बाद होने के कारण स्थानीय किसानों ने सरकार से आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है।