गुवाहाटी, 22 जनवरी (संवाद 365)। अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रजनन उपचार को प्रत्येक व्यक्ति की पहुंच के भीतर लाने के लिए, अपोलो फर्टिलिटी, अपोलो हेल्थ एंड लाइफस्टाइल और अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप का एक हिस्सा ने अपनी पहली और सबसे बड़ी स्टैंडअलोन, स्टेट-ऑफ़-द-आर्ट फर्टिलिटी सेंटर गुवाहाटी में स्थापित किया है। यह पूर्वोत्तर में प्राकृतिक रूप से गर्भ धारण करने में असमर्थ जोड़ों के लिए आशा की किरण लेकर आया है।
8500 वर्ग फुट में फैला, यह भ्रूण के लिए बेहतर स्वच्छ हवा प्रदान करने के लिए कक्षा 100 ओटी और लैमिनार एयर फ्लो के साथ पहली आईवीएफ लैब में से एक होगा। गुवाहाटी में स्थित यह अपोलो फर्टिलिटी की ब्रांड की 17वीं इकाई है। 5000 से अधिक आईवीएफ मामलों का संयुक्त अनुभव रखने वाले चिकित्सकों और भ्रूणविज्ञानियों की एक प्रशिक्षित टीम यहां विश्व स्तरीय सेवाएं प्रदान करेगी।
गुवाहाटी ओपोलो के सीनियर कंसल्टेंट डॉ अरुण माधब बरुवा ने बताया है कि जीवन शैली में बदलाव, तनाव, अनियमित नींद पैटर्न, मधुमेह, मोटापा, धूम्रपान और शराब आदि के कारण प्रजनन क्षमता प्रभावित हुई है। पुरुष और महिला उप प्रजनन क्षमता में वृद्धि हुई है। इसके अलावा ऐसे सामाजिक-आर्थिक कारक हैं जिनके कारण महिलाओं और जोड़ों को बच्चे पैदा करने में देरी होती है। जोड़े अपना करियर बनाने के लिए परिवार शुरू करने में देरी कर रहे हैं, जिसके कारण डिम्बग्रंथि उम्र बढ़ने और संबंधित कारणों से उनके प्रजनन स्तर में गिरावट आई है, जिससे गर्भधारण की संभावना कम हो गई है।
उन्होंने कहा कि देर से शादी करना एक चलन बन गया है, जब महिलाएं 35 साल की उम्र पार करती हैं, तो उनकी प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। द इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन के अनुसार, बांझपन वर्तमान में भारतीय आबादी का लगभग 10 से 14 प्रतिशत प्रभावित करता है, शहरी क्षेत्रों में उच्च दर के साथ, जहां छह में से एक जोड़ा प्रभावित होता है।
डॉ. बरुवा ने कहा कि सभी अपोलो फर्टिलिटी केंद्रों की तरह, इस केंद्र में ऐसी सुविधाएं होंगी, जो एक ही छत के नीचे आईयूआई, आईसीएसआई, लैप्रोस्कोपिक सर्जरी, पीजीएस और फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन सेवाओं से लेकर बांझपन से संबंधित सभी प्रकार की समस्याओं को डॉक्टरों की उच्च प्रशिक्षित टीम पूरा करती है।