जोराबाट, संवाद 365, 23अप्रैल : केन्द्रीय विद्यालय सी.आर.पी.एफ अमेरिगोग मे आज सोमवार को 45वीं जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान ,गणित एवं पर्यावरण शिक्षा विज्ञान प्रदर्शनी (JNSMEE) में राष्ट्रीय स्तर के विजेता विद्यालय के छात्र पृथ्वीराज कलीटा (कक्षा 12वीं) को सम्मानित विद्यालय के प्राचार्य श्री विष्णुदत्त टेलर किया साथ ही विजेता प्रतिभाशाली छात्र प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। ज्ञात हो की राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी का आयोजन केन्द्रीय विद्यालय आई.आई.टी. कानपुर में किया गया था, जिसमें केन्द्रीय विद्यालय सी.आर.पी.एफ अमेरिगोग छात्र पृथ्वीराज कलीटा (कक्षा 12वीं) द्वारा बनाए गए माडल्स को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए निर्णायक मंडल के सदस्यों के द्वारा द्वीतीय स्थान के लिए चुना गया।45वीं जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान ,गणित एवं पर्यावरण शिक्षा विज्ञान प्रदर्शनी (JNSMEE) में पूरे देश से विद्यार्थियों ने भाग लिया था। इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए छात्रों को विद्यालय के विज्ञान विभाग ने विशेष रूप से निर्देशित किया था। एक अन्य उपक्रम में विद्यालय के दो छात्रों यशवंत सोलंकी एवं ड्रीमली बोर्गोहैन (कक्षा 12वीं) ने केन्द्रीय विद्यालय आई.आई.टी. गुवाहाटी में अटल टिकरिंग लैब के तहत दूरदर्शी निर्माण के लिए आयोजित कार्यशाला में भाग लिया और सफलता पूर्वक दूरदर्शी निर्माण प्रक्रिया को पूर्ण किया। इन दोनों छात्रों के द्वारा निर्मित दूरदर्शी को विद्यालय में अन्य विद्यार्थियों के अवलोकनार्थ प्रदर्शित किया गया । जिससे अन्य विद्यार्थी भी दूरदर्शी निर्माण प्रक्रिया से अवगत हो सकें। एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में ‘विश्व पुस्तक दिवस’ के अवसर पर विद्यालय में पुस्तकालयाध्यक्ष श्री आनंद के नेतृत्व में पुस्तक प्रदर्शनी लगाई गया । जिसका उद्घाटन प्राचार्य के द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य ने इस प्रदर्शिनी के प्रारूप पर प्रकाश डालते हुए के.वि.सं. के शैक्षिक उद्देश्य और अटल टिकरिंग लैब को बिंबित किया जिसके अनुसार छात्रों के अन्दर वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है, प्राचार्य ने कहा कि वैज्ञानिक सोच इंसान को बेहतर तरीके से जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सामंजस्य स्थापित करने के योग्य बनाती है। प्राचार्य ने छात्रों को उत्साहित कर आशीर्वचन देते हुए कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान ने लोगों की दशा और दिशा बदल दी है। बदलते हुए समय में विज्ञान के इस विस्तार ने नित नए प्रयोग के लिए युवा पीढ़ी को उत्साहित कर दिया है।आज हमारा देश दुनिया का सबसे युवा देश है जो विज्ञान के क्षेत्र में आने वाले समय का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।