मोरीगांव , 23 जनवरी (संवाद 365)। हम कड़े जनसंख्या नियंत्रण कानून को लागू करने और सभी का समर्थन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जनसंख्या विस्फोट का अर्थ है देश, जाति, भूमि और मातृभूमि का पतन।”
असम के मोरीगांव जिला में आयोजित ऐतिहासिक जोनबिल मेले में जनसंख्या समाधान फाउंडेशन की मोरीगांव जिला इकाई ने कड़े कानून बनाने की मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया। मोरीगांव जिला इकाई के सदस्यों ने बढ़ती जनसंख्या विस्फोट के खिलाफ और जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता हेतु जागरूकता अभियान चलाया। इकाई ने तीन दिवसीय जोनबिल मेला के दौरान एक बड़े हस्ताक्षर अभियान को भी अंजाम दिया।
जेएसएफ मोरीगांव जिला इकाई के सदस्यों ने इस अवसर पर मेले में आने वाले लोगों के बीच जागरूकता पैदा की। “अभियान का उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए जनता की राय को एकत्र कर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपना है।” जनसंख्या कानून की मांग किसी भी जाति-धर्म-भाषा के खिलाफ नहीं है, बल्कि लोगों के हस्ताक्षर के माध्यम से सरकार को इस कानून को लागू करने के लिए आवेदन करता है।”
जेएसएफ एनई के अध्यक्ष शैलेंद्र पांडे ने असम के सभी समुदायों से आग्रह किया कि वे सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने के लिए हर संभव मदद करें। तीन दिवसीय जोनबिल मेला प्रबंधन समिति के पदाधिकारी, जोरसिंग बरदलै ने मेले के पहले दिन हस्ताक्षर अभियान के कार्यालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए जोरसिंग बरदलै ने जेएसएफ की पहल का समर्थन करते हुए, भारत सरकार से जल्द से जल्द एक सख्त जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए आग्रह किया। इस बीच जेएसएफ असम प्रांत के अध्यक्ष शिव प्रसाद शर्मा, जेएसएफ पूर्वोत्तर के संगठन मंत्री डॉ शुभजीत चौधरी, जेएसएफ पूर्वोत्तर के संयोजक लालजी सोनारी, जेएसएफ असम की संगठन मंत्री अर्पिता बरुवा ने जेएसएफ मोरीगांव जिला इकाई के इस सराहनीय पहल के लिए आभार व्यक्त किया।