कोकराझार, संवाद 365,14 अप्रैल: पूर्वोत्तर क्षेत्र शिव और शक्ति की आराधना का आज भी मुख्य केंद्र बना हुआ है। यहां विभिन्न अवसरों पर अलग-अलग तरीके से शिव और शक्ति की पूजा का आयोजन देखा जाता है। ईष्ट देव को प्रसन्न करने के लिए साधक अपने शरीर को विभिन्न प्रकार से यातना देते हैं। इस तरह की उपासना को तंत्र विद्या के साथ भी जोड़कर देखा जाता है।
इसी प्रकार की शिव और शक्ति की सात दिवसीय अनोखे ढंग की “चरख” पूजा कोकराझार जिले के फकीराग्राम में रविवार को संपन्न हो गई। आयोजन समिति के प्रदीप सरकार ने बताया है कि वैसे तो यह पूजा आदि काल से होती आ रही है, लेकिन फकीराग्राम में इसकी शुरुआत वर्ष 1983 में हुई, तबसे लगातार होती आ रही है।
ज्ञात हो कि फकिराग्राम थाना क्षेत्र के राभपारा गांव में रविवार की शाम को “चरख” पूजा संपन्न हो गई। गत एक सप्ताह से इस क्षेत्र के प्रत्येक घर से एक-एक व्यक्ति संन्यासी (साधू) का रूप धारण कर सांसारिक मोह-माया से दूर होकर, भिक्षा मांग कर सात दिनों तक अपना जीवन यापन करता है। बैसाख माह के दो दिन पहले रात को 12 बजे स्थानीय श्मशान घाट पर ये सभी व्यक्ति एकत्रित होकर तांत्रिकों के द्वारा 15 स्थान पर भोग लगाकर शिव की आराधना करते हैं। बैसाख माह के अंतिम दिन सुबह से विभिन्न आयोजनों के जरिये “चरख” पूजा की तैयारी पूरी होती है। शाम के लगभग 5 बजे से राभपारा के चरख खेल मैदान में फकीराग्राम के विभिन्न क्षेत्रों एवं उसके आस-पास के इलाकों से भी पूजा में शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग उपस्थित होते हैं। चरख मैदान में रविवार की शाम को विभिन्न तांत्रिक विद्याओं का नजारा देखने को मिल। कहीं मां काली के रूप में धारदार तलवार लेकर उपासक नाचते नजर आए, तो कहीं देवाधिदेव महादेव को अपने भूत-बैतालों के साथ नाचते देखा गया। बच्चों से लेकर बूढ़े तक धारदार तलवार पर चढ़कर नाचते नजर आए। कुछ तो अपनी जीभ में लोहे की पतली रॉड डालकर, पैर और पीठ में लोहे का हूक लगाकर लटकर नाचते नजर आए। यह नजारा बेहद बेहद डरावना था। उपस्थित जनता शिव और शक्ति की जय-जयकार लगाते देखे गए। इन सात दिनों तक इलाके का वातावरण धर्ममय देखा गया। अंत में सभी भक्तों का इंतजार समाप्त हुआ। एक व्यक्ति लोहे के हुक में उल्टा लटकर पूजा स्थल पर घूमने लगा। इस दृश्य को देख लोगों की आंखें फटी की फटी रह गई। पूरा इलाका हर-हर महादेव के नारों से गूंज उठा।
इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पोचागड़ गांव के विलेज काउंसिल डेवलपमेंट कमेटी (वीसीडीसी) के चैयरमैन शंकू भद्रो, धोपेरतल गांव सुरक्षा वाहिनी के सचिव रुबन दे समेत विभिन्न क्षेत्रों से आएं गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। स्थानीय लोगों ने बताया है कि इस पूजा से स्थानीय लोगों की आगाध आस्था जुडी हुई है। इसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। तथा अपनी कामयाबी के लिए मन्नते मांगते हैं तथा पूरा होने पर मोमबत्ती व धूप जलाकर पूजा अर्चना करते हैं।
जान को जोखिम में डालकर करते हैं “चरख” पूजा
Sangbad 365
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