सोनापुर , संवाद 365, 02 मई : राजधानी गुवाहाटी से महज 20 किमी की दूरी पर एक ऐसा इलाका है जहां पर प्रतिदिन लोगों को अपनी जान को जोखिम में डालकर तेज रफ्तार से बहने वाली नदी को नाव के जरिए पार करना पड़ता है। यहां पर रास्ता के नाम पर कुछ भी नहीं है। छोटे-छोटे बच्चों को भी स्कूल जाने के लिए नाव के जरिए ही नदी को पार करना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे असम की राजधानी से महज 20 किमी की दूरी पर बसा मोउपुर व मरगदोला गांव के बीच बहने वाली डिगारू नदी ग्रामीणों के लिए आवागमन के लिहाज से एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। मेघालय के ऊम्त्रू से निकलकर बर्नीहाट, मरगदोला, सोनापुर, डिगारू होते हुए असम के कलन नदी में जाकर डिगारू नदी मिलती है। दिसपुर विधानसभा क्षेत्र के तीन गांव मोउपुर, धमाई, नरताप के लोग आए दिन अपनी जान को जोखिम में डालकर इस नदी को पार करते हैं। सिर्फ गांव के लोग ही नहीं स्कूल जाने के लिए छोटे-छोटे बच्चों को भी अपनी जान को जोखिम में डालकर इस नदी को एक छोटी सी नाव से ही पार करना होता है। बरसात के दिनों में जब नदी में पानी का बहाव काफी तेज होता है तो नदी को पार करना एक तरह से अपनी जान को दाव पर लगाने के समान है। इस संबंध में दिसपुर के पूर्व विधायक अकन बोरा व वर्तमान भाजपा के विधायक अतुल बोरा से स्थानीय लोगों ने बार-बार गुहार लगाई बावजूद सरकार द्वारा रास्ते को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिसकी वजह से इन तीन गांवों के लोग भी आज भी यातायात से वंचित हैं। कुछ वर्ष पहले यहां पर गांव के लोगों द्वारा बांस का एक पुल बनाया गया था, लेकिन बरसात के समय नदी में जब तेज बहाव आया तो पुल पानी में बह गया। कुल मिलाकर गांव से निकलकर बाहर की दुनिया देखने का महज अब नाव ही एक रास्ता है। जिसके जरिए नदी को पार कर राजधानी गुवाहाटी पहुंचा जा सकता है। इस नदी को पार करने के लिए ग्रामीणों को प्रत्येक बार दस रूपये देना पड़ता है। यह दस रुपये ग्रामीणों के लिए काफी बड़ी रकम साबित होती है। जबकि बच्चों के लिए तो बड़ी समस्या बन जाती है। स्थानीय लोगों ने सरकार से इस इलाके में एक सड़क व नदी पर पुल बनाने की मांग की है, ताकि राजधानी के समीप रहने वाले लोग भी गर्व से कह सकें कि वे राजधानी में रहते हैं। अन्यथा इन तीन गावों के लोगों के लिए राजधानी दूर की कौड़ी ही साबित होती है।