डिंपल शर्मा
नगांव , 05 जून (संवाद 365)। तीर्थंकर के प्रतिनिधि जैन धर्म के प्रभावक आचार्य शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण की विदुषी शिष्या साध्वी श्री संगीत श्री जी ठाणा – ४ जिन्होंने वर्तमान में सिलचर जैन भवन में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश किया है की प्रेरणा से सुश्री लक्ष्मी बोकड़िया ( सुपौत्री स्वर्गीय इंदर चंद- सुखराज देवी बोकडिया व सुपुत्री श्री दिलीप- दीपमाला बोकडिया) ने आठ की तपस्या संपन्न की है ।इस विकट परिस्थिति में भी बच्ची ने मजबूत मनोबल का परिचय देते हुए आध्यात्म की ओर कदम बढ़ाए हैं। सुश्री लक्ष्मी ने आठ की तपस्या कर अपने परिवार व समाज का गौरव बढ़ाया। समाज के प्रत्येक व्यक्ति ने उसके तप की अनुमोदना की है।
ज्ञात रहे कि सुश्री लक्ष्मी ने आठ दिनों तक सिर्फ पानी का सेवन किया व सूर्यास्त के पश्चात जैन धर्म में पानी भी वर्जित है। श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, नगांव, तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद व समाज के विभिन्न व्यक्तियों ने लक्ष्मी के घर जा कर धार्मिक गितिकाओं का संगान किया व तीनों संस्थाओं व ज्ञानशाला ने साहित्य व अन्य सामग्री भेंट कर श्री लक्ष्मी के तप का अभिनंदन किया। साध्वी श्री संगीत श्री जी ने सिलचर से गीतिका के माध्यम से सुश्री लक्ष्मी बोकड़िया के तप की अनुमोदना की ।