उदालगुरी, 22 जुलाई (संवाद 365)। बोडोलैंड इलाके में शांति स्थापित होने के बाद फिर से एक नये उग्रवादी संगटन नेशनल लिबरेशन फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनएलएफटी) के प्रमुख एम बाथा की गतिविधियों से राज्य सरकार के सामने एक नयी चुनौती उत्पन्न हुई थी। इसकी सूचना देने वाले को नकद इनाम की भी घोषणा की बातें सामने आई थी। इस बीच गुरुवार को एम बाथा ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस ने बताया है कि बाथा ने अपने कई अन्य साथियों के साथ उदालगुरी जिला में भारत-भूटान सीमा पर असम पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इसका खुलासा मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने ट्वीट कर दी।
आत्मसमर्पण के बाद एनएलएफबी नेता एम बाथा को लालपानी थाने ले जाया गया है। कथित तौर पर उसे जल्द ही गुवाहाटी लाने की व्यवस्था की जाएगी। विद्रोही संगठन के नेता एम बाथा की ओर से यह सूचना सामने आई थी कि असम पुलिस के सामने आत्मसमर्पण की पूरी संभावना है।
विनोद मुसहरी उर्फ एम बाथा अपने कई साथियों के साथ अरुणाचल प्रदेश में छिपा हुआ था। एक सूत्र ने बताया है कि असम पुलिस की विशेष शाखा के एक दल ने बाथा और एनएलएफबी के अन्य सदस्यों को लाने के लिए अरुणाचल का दौरा किया था।
उल्लेखनीय है कि जनवरी 2020 में तीसरे बोडोलैंड शांति समझौते पर हस्ताक्षर के के बाद एनडीएफबी ने हथियार सौंपकर शांति वार्ता में शामिल हो गया था। इसी दौरान तत्कालीन एनडीएफबी नेता बाथा भी आत्मसमर्पण कर दिया था।
लेकिन बाद में वह अपने कुछ साथियों के साथ हथियार उठाकर वापस जंगल में लौट गया। उसने इस वर्ष मार्च महीने में एनएलएफबी नामक एक नए विद्रोही संगठन का गठन कर उग्रवादी गतिविधियों को संचालित करने में जुट गया था। जैसे ही इसकी जानकारी सामने आई तो सरकार और पुलिस प्रशासन बाथा को पकड़ने के लिए अभियान तेज कर दिया।
बाथा बोडोभूमि को फिर से एक बार रक्तरंजित करने में जुट गया था। इसी बीच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एनएलएफबी नेता बाथा को मोस्ट वांटेड घोषित करते हुए उसके सिर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
बाथा का आज आत्मसमर्पण करने से बोडोलैंड में शांति की फिर से उम्मीद जगी है। बीटीसी प्रमुख प्रमोद बोरो आज बाथा के आत्मसमर्पण समारोह में शामिल हुए। बोरो ने कहा कि बोडो भूमि पर शांति बनी रहेगी।