गुवाहाटी, 05 दिसम्बर (संवाद 365)। शिशु के प्रारंभिक विकास में आचार्य-आचार्याओं के साथ मां की भी एक विशेष भूमिका होती है। मातृ अपने घर में रहकर हंसी और खेल के जरिए नियमित रूप से शिशुओं को शिक्षा दे सकती हैं। इसको ध्यान में रखते हूए शनिवार को शिशु वाटिका की कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में उत्तर गुवाहाटी के शंकरदेव शिशु निकेतन के अंकुर और मुकुल कक्षा के अभिभावकों ने हिस्सा लिया। इस दौरान मातृ भारती की अध्यक्ष डाली कलिता और सचिव गीताली पाठक ने द्वीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। निकेतन के प्रधानाचार्य उत्पल तालुकदार ने स्वागत भाषण और उपप्रधानाचार्य जगदीश शर्मा ने सभा के उद्येश्यों पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला का संचालन शिशु वाटिका प्रमुख गीतिका हालै बरुवा और मनिका मुदै आचार्याओं ने किया। कार्यशाला में 40 अभिभावकों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला संचालन समिति के सचिव मुकुटेश्वर गोस्वामी ने बताया है कि भविष्य में भी और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। इसके जरिए अभिभाविकों को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराते हुए उन्हें जागरूक किया जाएगा।