लखीमपुर (असम), 14 जून। वार्ता समर्थक उल्फा नेता जितेन दत्त इन दिनों सारथी नामक एक आत्मनिर्भर संगठन के परिकल्पना से राज्य के विभिन्न हिस्सों में भ्रमण कर स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर होने के लिए जागरूक कर रहे हैं।
इसी कड़ी में रविवार को जितेन दत्त लखीमपुर पहुंचे थे। जहां पर जितेन दत्त स्थानीय युवकों को आत्मनिर्भर बनने के लिए जागरूक किया। जागरूक्ता सभा संपन्न होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए जितेन दत्त ने कहा कि स्वाधीन असम के नाम से सशस्त्र संग्राम से कुछ हासिल नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि सशस्त्र संग्राम कर आज तक असमिया जाति का कोई लाभ नहीं हुआ। स्वाधीन असम का सपना देखने वाले उल्फा सेनाध्यक्ष परेश बरुवा को संगठन छोड़कर सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल होना चाहिए। ताकि राज्य और स्थानीय जनता का भला हो सके। (हि.स.)