डिंपल शर्मान
गांव, 01 अगस्त (संवाद 365)। कोरोना संक्रमित के तेजी से बढ़ते मामलों के बाद अब प्रशासन ने भी मरीजों को अस्पताल में रखने की व्यवस्था में बदलाव किया है। अब कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को छोड़ ज्यादातर को घर में ही एकांतवास में ही रखा जा रहा है। समय-समय पर फोन से चिकित्साकर्मी उनसे संपर्क कर हाल-चाल ले रहे हैं। अब तक हजारों से भी अधिक मरीज होम आइसोलेट किए जा चुके हैं। जबकि जिले के विभिन्न ने सरकारी अस्पतालों में रखे गए मरीजों की संख्या इससे कम है।
नई व्यवस्था से प्रशासन को अस्पताल में दुर्व्यवस्था की शिकायतों को लेकर हंगामे से राहत मिली है तो मरीज भी घर पर ही रहकर अपनी मर्जी से खान-पान को लेकर सहूलियत महसूस कर रहे हैं। नगांव जिला स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक जिले में कोरोना संक्रमित मरीज अब 2075 के आंकड़े को पार कर चुके हैं। जिससे जिले में स्वास्थ्य विभाग के सामने इन मरीजों के अस्पतालों में भर्ती को लेकर गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है ।
सूत्रों के मुताबिक जिले के सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों बेडों की कमी के चलते अब मरीजों को गुवाहाटी रेफर करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक सरकारी क्वॉरेंटाइन में भी जगह आब सीमित हो गई है जिसका मुख्य कारण सामूहिक संक्रमण के चलते जिले में मरीजों का बढ़ना है। उधर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर भर में दुकानदारों को कोरोना टेस्ट करवाना अनिवार्य कर दिया गया है और जिला प्रशासन ने यह उम्मीद जताई है कि इसमें सभी दुकानदार प्रशासन का साथ देंगे।
जमीनी स्तर पर अगर हम बात करें तो शहर में सरकारी सूत्रों के मुताबिक करीब 20% लोग मास्क और सेनीटाइजर का उपयोग कर रहे हैं । स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लोग अगर पूरी तरह से मास्क का उपयोग और सेनीटाइजर के इस्तेमाल के साथ सामाजिक दूरी बनाए रखें और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचे हैं तो कोरोना के सामूहिक संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।