ऑनलाइन डेक्स कांची , संवाद 365, 01 मार्च: 82 साल की उम्र में कांची के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का बुधवार को तमिलनाडु के कांचीपुरम में निधन हो गया। आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शंकराचार्य को सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने अंतिम सांसे ली। पिछले एक वर्ष से वे बीमार चल रहे थे। जयेंद्र सरस्वती जी सन 1954 में शंकराचार्य बने। इससे पहले 22 मार्च 1954 को चंद्रशेखेन्द्रा सरस्वती स्वामीगल ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। उस वक्त वे महज 19 साल के थे। कांची मठ से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को लगभग एक लाख लोगों ने शंकराचार्य की अंतिम दर्शन किए। आज उनका पार्थिव शरीर को सजाकर मठ में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। दक्षिण भारत में कांची मठ को महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में माना जाता है। शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती के निधन के बाद अब कांची मठ में शंकर विजयेन्द्र सरस्वती को मठ के शंकराचार्य की नीति दी जाएगी।
विजयेन्द्र सरस्वती 70वें कांची मठ के मठ प्रमुख होंगे।