गुवाहाटी, 13 जनवरी (संवाद 365)। कामरूप (मेट्रो) जिला के बाहरी इलाका डिमोरिया की तीन ऐतिहासिक झीलों में बिहू के उरूका के दिन गुरुवार को लोगों ने सामूहिक रूप से मछली पकड़ी। गुवाहाटी के बाहरी इलाका सोनापुर के बोमानी खेत्री इलाके की जालीखारा और पारखाली में हजारों की संख्या में प्रतिवर्ष लोग माघ बिहू के उरूका के मौके पर सामूहिक रूप से मछली पकड़ने पहुंचते हैं। इस कड़ी में गुरुवार को सामूहिक रूप से मछली पकड़ने के लिए सुबह से ही स्थानीय लोग विभिन्न प्रकार के मछली पकड़ने वाले जाल आदि लेकर तीनों झील के किनारे पहुंचे। स्थानीय राजा द्वारा पूजा-अर्चना करने के बाद सभी ने सामूहिक रूप से मछलियां पकड़ी।

वहीं लोग झील के किनारे लालीलांग नृत्य की धुन पर जमकर झूमते नजर आए। बामनी झील के किनारे तेनतेला राजा (तेतेलिया के राजा) पानबर रंग्पी ने सबसे पहले पूजा अर्चना किया। इसके बाद लोग सामूहिक रूप से मछली पकड़ने के लिए झील में उतरे। वहीं जालीखरा और पारखाली झील में डिमोरिया के राजा हलिसिंह रहांग ने पूजा अर्चना किया। इसके बाद लोगों ने सामूहिक रूप मछली पकड़ने के लिए झील में उतरे। मछली पकड़ने की यह परंपरा काफी पुरानी है। लोगों का मानना है कि मछली पकड़ने से पहले जब राजा द्वारा पूजा अर्चना की जाती है तब किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं होती है। हजारों की संख्या में लोग हर साल सामूहिक रूप से मछली पकड़ते हैं। लेकिन, आज तक किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। हर वर्ष पारखाली झील के पास डिमोरिया के राजा हलिसिंह रहांग अपने मंत्रिमंडल के साथ एक विशेष बैठक करते हैं। यह परंपरा राजा के शासन के कार्यकाल से चली आ रही है।
