सोनापुर, संवाद 365, 28फरवरी: गुवाहाटी के बाहरी इलाके सोनापुर स्थित लोक निर्माण विभाग के अतिथिशाला में बुधवार को कामरूप (मेट्रो) जिला कुश्ती संस्था के अध्यक्ष डमरूधर दास ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के गाइडलाइंस के अनुसार कुश्ती खिलाड़ियों को खुले मैदान में कुश्ती सीखने या खेलने की अनुमति नहीं है। यह काफी दुख की बात है कि हमारे खिलाड़ी सोनापुर स्थित मिनी स्टेडियम में खुले मैदान में कुश्ती सीख रहे हैं, जो काफी दुख की बात है।
उन्होंने कहा कि अन्य खेलों को जिस तरह असम सरकार प्राथमिकता दे सही है उसी तरह कुश्ती को भी प्राथमिकता देना चाहिए। संस्था के उपाध्यक्ष कवीन चौधरी ने कहा कि खुले मैदान में खेलने के दौरान हमारे कई खिलाड़ी घायल हो गए हैं, जो काफी दुख की बात है। संस्था के महासचिव कंकन दत्त ने कहा कि डायरेक्टर स्पोर्ट्स प्रवीण खाउन व मेंबर सेक्रेटरी डायरेक्टर स्पोर्ट्स लख्यज्योति कुमार से हमने मिलकर इस बारे में कई बार आवेदन किया कि खिलाड़ियों के लिए इंडोर स्टेडियम के अलावा मेट की व्यवस्था की जाए लेकिन हमारी मांग को आज तक पूरा नहीं किया गया।
संस्था के मुख्य सलाहकार अजीत दत्त ने कहा कि जहां एक ओर असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल असम को देश की खेल की राजधानी बनाना चाहते हैं वही कुश्ती खेल के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। हमारे यहां के खिलाड़ियों में काफी प्रतिभा है। अगर उन्हें सही सुविधा मिले तो आने वाले समय में देश के साथ अपने राज्य का नाम रोशन करने की प्रतिभा रखते हैं। हमें सरकार सोनापुर में कुश्ती के लिए इंडोर स्टेडियम के अलावा पूरी सुविधा मुहैया कराए ताकि हमारे खिलाड़ी अच्छी तरह प्रशिक्षण ले सकें।
कुश्ती का प्रशिक्षण ले रहे सोनापुर नरताप की बबीता थापा ने कहा कि आज के दिनों में भी हमें मेट नहीं मिल पा रहा है, हमें खुले मैदान में कुश्ती सीखना पड़ रहा है। हहरा गांव की कुश्ती खिलाड़ी बरग्यारी ने कहा कि सरकार हमें जल्द से जल्द कुश्ती सीखने में व्यावहारिक सामग्री मुहैया कराए ताकि हम राज्य के साथ-साथ देश का नाम रोशन कर सकें। सोनापुर गुमोरिया के कुश्ती खिलाड़ी गंगा पाठार ने कहा मैं पिछले 3 महीने से कुश्ती सीख रहा हूं जिस दौरान मुझे कई बार चोट लगी है। अगर खुले मैदान के बदले हम मैट पर खेलते तो हमें चोट नहीं लगती। वहीं अन्य कुश्ती खिलाड़ी अजय डेका ने कहा कि सरकार जिस तरह अन्य खेलों को सुविधा दे रही है उसी तरह कुश्ती को भी सुविधा देनी चाहिए। हम भी इस खेल को राष्ट्रीय स्तर व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना चाहते हैं।