गुवाहाटी, 29 अप्रैल (संवाद 365)। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा) के स्वयंभू सेनाध्यक्ष परेश बरुवा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा है। अत्यंत शालीन शब्दों का प्रयोग करते हुए परेश बरुआ की ओर से लिखे गए इस पत्र में परेश बरुवा ने कहा है कि इन दिनों जबकि संपूर्ण मानव जाति कोरोनावायरस को लेकर खतरे में पड़ा हुआ है। और, क्षेत्रीयता और जातिवाद आदि की सीमा को पार करते हुए यह सभी के लिए एक बड़ा संकट बना हुआ है। ऐसे में कृषक मुक्ति संग्राम समिति के अध्यक्ष अखिल गोगोई तथा उनके साथियों को जेल में रखना उचित नहीं है। अपने पत्र में बरुवा ने कहा है कि जहां तक उन्होंने समझा है, अखिल गोगोई किसी भी आपराधिक घटना में लिप्त नहीं हैं। उनके राजनीतिक क्रियाकलाप को आपराधिक रंग देकर उन्हें जेल में बंद रखना सही नहीं है। परेश बरुवा ने अखिल गोगोई और उनके साथियों की मानवीय आधार पर तत्काल रिहा करने की मांग की है। परेश बरुवा के इस खुले पत्र की चर्चा बुधवार की सुबह से ही राज्य भर में हो रही है। देखना यह है कि सरकार इसे कितनी गंभीरता से लेती है यह आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा।