बर्नीहाट 01 अगस्त, संवाद 365 : राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की दूसरी व अंतिम मसौदा सूची के प्रकाशन के बाद असम में 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं होने को लेकर मेघालय में भारी भय व्याप्त है। जिसको देखते हुए पूर्वोत्तर के राज्यों के लोगों में यह आशंका घर कर गई है कि असम में रह रहे अवैध नागरिक भागकर दूसरे राज्यों में शरण ले सकते हैं। इसी आशंका के चलते मेघालय के रि-भोई जिलांतर्गत बर्नीहाट पुलिस चौकी अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर बुधवार को असम से मेघालय की ओर जाने वाली सभी तरह की गाड़ियों की पुलिस की मौजूदगी में सघन तलाशी ली जा रही है। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को राज्य के सबसे ताकतवर खासी स्टूडेंट यूनियन (केएसयू) ने अपने स्तर पर बर्नीहाट इलाके में चेक गेट बनाकर वाहनों की तलाशी लेनी आरंभ की थी, जिसके बाद मीडिया में इसको लेकर राज्य सरकार की भारी किरकिरी हुई। अंततः राज्य सरकार ने पुलिस की मदद से बर्नीहाट में वाहनों की तलाशी लेनी शुरू की है। बुधवार को असम से जाने वाले वाहनों की तलाशी को लेकर बर्नीहाट पुलिस काफी तत्पर देखी गयी। सुबह से ही नंग्पो थाना अन्तर्गत बर्नीहाट पुलिस चौकी इलाके में राष्ट्रीय राजमार्ग-6 पर मेघालय की ओर जाने वाले सभी वाहनों की सघन तलाशी के दौरान यह सुनिश्चित करने की कोशिश की गई कि कोई भी बांग्लादेशी नागरिक असम से मेघालय में प्रवेश तो नहीं कर रहा है। इस संबंध में रि-भोई जिला के केएसयू के अध्यक्ष व महासचिव ने कहा कि असम में 40 लाख लोगों का नाम एनआरसी में नहीं आया है। जिसको लेकर हमें आशंका है कि मेघालय में अवैध रूप से बांग्लादेशी नागरिक प्रवेश कर सकते हैं। जिसकी वजह से हमने यह उचित कदम उठाया है। इस समस्या को असम कई वर्षों से झेल रहा है। ऐसे में अवैध घुसपैठ की समस्या से हम नहीं जूझना चाहते। हम अपने राज्य में एक भी बांग्लादेशी नागरिक को आश्रय नहीं लेने देंगे। असम की राजधानी गुवाहाटी का असम-मेघालय का सीमावर्ती इलाका होने की वजह से हम लोग काफी चिंतित हैं। किसी भी समय अवैध बांग्लादेशी नागरिक मेघालय के अंदरूनी इलाकों में प्रवेश कर सकते हैं। इस स्थिति के मद्देनजर केएसयू के सभी जिला ईकाइयों को सतर्क कर दिया गया है, ताकि एक भी बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से मेघालय प्रवेश न कर सकें।
वहीं दूसरी ओर केएसयू के कदम को लेकर एक अलग विवाद उत्पन्न हो गया है। लोगों का कहना है कि कानून-व्यवस्था का काम पुलिस प्रशासन का है। अगर इस तरह से आम नागरिक कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेने लगें तो हालात अराजक हो जाएंगे। लोगों ने कहा कि पुलिस को इस संबंध में कड़ा कदम उठाना चाहिए। क्योंकि कोई वारदात घट गई तो इसकी जिम्मेदारी कोई नहीं लेगा।
मेघालय पुलिस बुधवार को वाहनों में सफर करने वाले लोगों के आईडी कार्ड को चेक किया। जिनके पास आईडी कार्ड था, उन्हें जान दिया, जिनके पास नहीं था, उन्हें मेघालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस कड़ी में यह भी देखा गया कि खासी लोगों से पुलिस ने कोई आईडी की मांग नहीं की। ऐसे में असम के बराकघाटी की ओर अगर किसी को जाना है तो उसे अपना साथ अपनी आईडी लेकर ही निकलना पड़ेगा, अन्यथा उसे गुवाहाटी से आगे नहीं जाने दिया जाएगा।