जोनमनी
बिश्वनाथ, 10 अक्टूबर (संवाद 365)। आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने वाले प्रतिबंधित संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट आफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के कैडरों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिए रोजगारोन्मुख शिविर के दौरान प्रशिक्षण दिया गया। यह कदम राज्य सरकार और असम पुलिस के द्वारा उठाए गये कदमों का नतीजा है, कि कभी हथियार लेकर जंगल में भटकने वाले युवा आज आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
बिश्वनाथ जिला के एसआईपीआरडी कॉन्फ्रेंस हॉल में आत्मसमर्पण करने वाले विद्रोही गुट के कैडरों को स्वावलंबी बनने के लिए एक प्रशिक्षण शिविर के दौरान प्रशिक्षण दिया गया। मुख्यधारा में लौटे कैडर इन दिनों मत्स्य पालन, सुअर पालन, होटल आदि का व्यापार कर अपनी जीविका चला रहे हैं।
धेमाजी और बिश्वनाथ जिला के 58 आत्मसमर्पण कर चुके एनडीएफबी के विद्रोहियों को प्रशिक्षण शिविर के दौरान असम पुलिस के विशेष शाखा के एडिशनल डीजीपी पी नाथ भी उपस्थित थे। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान सभी आत्मसमर्पण कर चुके विद्रोहियों को बेहतर नागरिक बन कर देश की प्रगति में हाथ बंटाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण शिविर से आत्मसमर्पण कर चुके विद्रोहियों को अपनी जीविका चलाने में काफी सहूलियत होगी। इससे अन्य भटके हुए युवा भी देश की मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित होंगे।