गुवाहाटी, संवाद 365, 10 अप्रैल : अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था और उसकी नियमित देखभाल तथा आग एवं जीवन की सुरक्षा व तकनीकी कानूनी ढांचा विषय पर असम फायर एवं इमरजेंसी सर्विस की ओर से बुधवार को राजधानी के होटल रेडिसन ब्लू में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लेते हुए अपनी बातें साझा की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। स्वागत भाषण असम पुलिस के स्पेशल डीजीपी सह फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के डायरेक्टर भास्कर ज्योति महंत ने दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में असम सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्णा ने हिस्सा लेते हुए इस मौके पर एक स्मारिका का विमोचन किया। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता असम इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रो. जयंत पाठक ने की। इस मौके पर वक्ता के रूप में एचएसईक्यू के सलाहकार अखिल कुमार दास ने अस्पताल में आग की घटनाओं को लेकर किस तरह के ऐहतियात बरते जाएं, इस पर अपने विचार रखा। जबकि उत्तर प्रदेश के फायर सर्विस के पूर्व निदेशक पीके रॉव ने अस्पतालों के संबंध में नेशनल बिल्डिंग कोड (एनबीसी) के बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं आपसी चर्चा के दौरान प्रो. जयंत पाठक,पीके रॉव व अखिल दास ने सेमिनार में उपस्थित लोगों के उत्तर दिए। जबकि दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता जीएमडीए के टाउन प्लानर जितेंद्र शर्मा काकोति ने की। इस सत्र में दिल्ली फायर सर्विस के पूर्व निदेशक डॉ जीसी मिश्रा ने वक्ता के रूप में भाग लेते हुए फायर एवं जीवन सुरक्षा के तकनीकी कानूनी ढांचा पर प्रकाश डाला। उल्लेखनीय है कि सेमिनार के दौरान अग्निशमन विभाग के द्वारा उपयोग में लाई जाने वाले विभिन्न संसाधनों, सुरक्षा उपायो और तकनीकों की एक प्रदर्शनी भी लगाई गई थी।